हम छि मैथिल , हमर मिथिला बरि महान यौउ,
जेकर चर्चा देश बिदेशो मे वहे जनक नन्दनी के जन्मभुमी हमर सभक पहिचान यौउ ,
जै धर्ती प जन्म लेलक मैयाँ जानकि वहि धर्तिके छि हम सपूत इहे हमर पहिचान यौउ,
जइ पावन धर्तिक श्रृङ्गारलक अपन बिधासे कवि बिधापती हुनकरे इ गाम यौउ,
जकर शब्दके जादु अख्नो गुन्जैछै घर घरमे बत्बैत हर मैथिल के पहिचान यौउ,
अपन सभक मिथिलाके आन, बान ,सान राजा जनक जी के नगरी अपन जनकपुरधाम यौउ,
जइ धर्ती प आयल पाहुन बैनक स्वयम मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम यौऊ,
हुनकर दर्शन पाके हमर सभक पुर्वज भेल महान उहे धर्ति हमर सभक पहिचान यौउ,
हमर सभक मिथिला हम सब मैथिल इ हे हमर पहिचान यौउ
"जय जन्म भुमी , जय मिथिला, जय जनकपुरधाम"
-राजेश भिन्वार यादव, मिर्चैया -12 सिराहा