-देवेन्द्र प्रसाद साह
हमरा प्रति क सवटा भरम टुइटजाय
गलत हम ज लिखी त कलम टुइटजाय
बह्तो दिन सँ अहाँ किया नै बजैछी
एकोवेर ज बाजु त शरम टुइटजाय
बह्तो दिन सँ रखलौ देबऽ लेल अहिके
पापी मन हुए त फूल नरम टुइटजाय
हमरा प्रति क सवटा भरम टुइटजाय
गलत हम ज लिखी त कलम टुइटजाय