- देवेन्द्र प्रसाद साह
मीठगर वातक पोटरी
मनम कैस क रैहगेलियै
एकोवेरी ज ताकैत
हम मरमैस क रैहगेलियै
मनम ज रखनछी उ वात कैहदिय
बेरावेरी किया, एके साथ कैहदिय
कनी हम बुझैछी, कन्हिए अहाँ कहु
गाम पर ज नै त नदिए कात कैहदिय
बेरावेरी किया, एके साथ कैहदिय