गजल

<span class='c1'>गजल</span> <span class='c2'></span>

- देवेन्द्र प्रसाद साह
मीठगर वातक पोटरी
मनम कैस क रैहगेलियै
एकोवेरी ज ताकैत
हम मरमैस क रैहगेलियै

मनम ज रखनछी उ वात कैहदिय
बेरावेरी किया, एके साथ कैहदिय
कनी हम बुझैछी, कन्हिए अहाँ कहु
गाम पर ज नै त नदिए कात कैहदिय
बेरावेरी किया, एके साथ कैहदिय

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